मानवता शर्मसार, डुमरांव में नवविवाहिता की हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर रखा
घटना के 24 घंटे बाद भी नहीं हो सकी मृत महिला की पहचान

डुमरांव स्टेशन के पूर्वी गेट से पूरब सुप्रभात कॉलोनी के समीप की है घटना
सनसनीखेज घटना – आर्यावर्त न्यूज़ एक्सप्रेस/बक्सर/डुमरांव :- चरम भौतिकवाद एवं अमानवीय कृत को दर्शाती यह घटना बक्सर जिले के डुमरांव स्टेशन के समीप की है । जहां गुरुवार की रात्रि दरिंदो ने एक नवविवाहिता की हत्या कर उसके शव को रेलवे ट्रैक पर रख दिया । जिससे इस कुकृत्य घटना को रेल दुर्घटना का रूप दिया जा सके । मृत नवविवाहित युवती लाल रंग की साड़ी-ब्लाउज पहनी हुई है । वहीं वह गले में उजले मोती का मंगलसूत्र, नया चूड़ी, नया पायल, नया बिछिया तथा नाक-कान का रिंग सहित पूरी तरह दुल्हन के परिधान में है । रेल सूत्रों के अनुसार यह घटना घटना रात्रि करीब 8:30 बजे डुमरांव स्टेशन के पूर्वी गेट संख्या 66 स्पेशल और गेट संख्या 65 स्पेशल के बीच सुप्रभात कॉलोनी के सामने पोल संख्या 644/08-06 के बीच डाउन मेन लाइन की है ।

जहां ट्रैक पर दुल्हन की ड्रेस में एक नवविवाहित युवती का पेट के बल सुलाया हुआ शव मिला । जिसकी उम्र लगभग 25 वर्ष है । इस घटना की सूचना सर्वप्रथम 20801 अप इस्लामपुर-नई दिल्ली मगध एक्सप्रेस के लोको पायलट ने वाकी-टॉकी के माध्यम से डुमरांव स्टेशन को दिया । लोको पायलट ने बताया कि कोई महिला ट्रेन से कटने के लिए पोल संख्या 640/06 के समीप डाउन लाइन में सोई हुई है । जिसके बाद स्टेशन मास्टर अविनाश कुमार ने तुरंत मेमो देकर डाउन लाइन में डुमरांव खड़ी हो रही 03289 वाराणसी-पटना मेमू ट्रेन के लोको पायलट को इस घटना से अवगत कराया । जिससे जान देने के लिए ट्रैक पर सोई हुई महिला को बचाया जा सके ।
मगध एक्सप्रेस के लोको पायलट ने दी घटना की सूचना, स्टेशन मास्टर ने दिखाई तत्परता
मेमो मिलने के बाद लोको पायलट ने ट्रेन को पूर्वी गेट से अभी आगे बढ़ाया ही था, तभी उसे लाल रंग के कपड़े में एक महिला ट्रैक पर पड़ी मिली । जो मगध एक्सप्रेस के लोको पायलट द्वारा बताए गए पोल संख्या से करीब 4 किलोमीटर पश्चिम डुमरांव स्टेशन के समीप थी । जिसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया और घटनास्थल पर यात्रियों के साथ जाकर देखा कि महिला सोई हुई नहीं है, बल्कि किसी ने उसकी हत्या कर उसके शव को रेल दुर्घटना दर्शाने के लिए ट्रैक पर रख दिया है । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला के गर्दन के ऊपर गोलाकार लाल निशान पड़ा हुआ था । इस घटना की सूचना मिलते ही डुमरांव रेलवे स्टेशन सहित आस-पास के लोगों में सनसनी मच गई । जिसके बाद सैकड़ों यात्रियों एवं स्थानीय लोगों का हुजूम घटनास्थल की ओर उमड़ पड़ा ।
सूचना मिलते ही जीआरपी व आरपीएफ के साथ समिति अध्यक्ष पहुंचे घटनास्थल
इस बाबत स्टेशन से मेमो मिलते ही जीआरपी के तारकेश्वर पंडित तथा आरपीएफ के धनंजय कुमार सिंह व एस एन एस यादव के साथ समाजसेवी एवं रेल यात्री कल्याण समिति अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह घटनास्थल पर पहुंचे । जिसके पहले ही यात्रियों ने मृत नवविवाहिता के शव को ऑफ ट्रैक कर उसको रेलवे लाइन के किनारे कर सीधा कर दिया था, जिससे उसके चेहरे को पहचाना जा सके । काफी प्रयास के बाद भी उस नवविवाहित महिला के शव की पहचान नहीं हो सकी । घटनास्थल पर पहुंचते ही समिति अध्यक्ष राजीव रंजन ने इस घटना से रेलवे के अधिकारियों सहित डुमरांव एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी तथा नया भोजपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार को अवगत कराया । बावजूद नवविवाहित युवती का शव घंटों तक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा रहा ।
असंवेदनशीलता की पराकष्ठा, क्षेत्राधिकार को लेकर घंटो ट्रैक के किनारे पड़ा रहा शव
पुलिस की वर्षों पुरानी चली आ रही परंपरा व क्षेत्राधिकार विवाद के अनुसार रेल पुलिस और स्थानीय पुलिस एक-दूसरे को शव हटाने का जिम्मेदार ठहराती रही । एसडीपीओ व स्थानीय पुलिस द्वारा रेलवे ट्रैक पर शव का होने एवं आउटर सिग्नल के अंदर होने के कारण शव उठाने की जिम्मेदारी जीआरपी की बताई गई । वहीं रेल पुलिस द्वारा मृतका का ट्रेन से दुर्घटना नहीं होने और उसकी हत्या कर शव को ठिकाने लगाने की बात कह कर इसकी जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की बताई जा रही थी । रेल पुलिस रेल से दुर्घटना होने पर आउटर सिग्नल के बाहर भी शव उठाने की बात कह यह दलील दे रही थी कि आउटर सिग्नल के बाहर स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी बनती है । बावजूद हमेशा ऐसी घटनाओं में रेल पुलिस ही शव को उठाती है और उसका अनुसंधान करती है । इसी उधेड़बुन में मृतका का शव करीब 12 बजे रात्रि तक रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा । जो मानवीय मूल्यों के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील व अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही को परिलक्षित करता है ।
एसपी के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन, अंतोगत्वा जीआरपी ने उठाया शव
घंटों से शव के ट्रैक के किनारे पड़े रहने के बाद समिति अध्यक्ष राजीव ने इस घटना की सूचना बक्सर एसपी शुभम आर्य को दी । जिस पर एसपी ने त्वरीत कार्रवाई करते हुए नया भोजपुर थाने को शव ले जाने के लिए घटनास्थल पर भेजा । जहां एक बार फिर अधिकार क्षेत्र की बात पर विवाद उत्पन्न हो गया । इसी दौरान एसपी के सूचना पर डुमरांव थाने की गस्ती पार्टी व डायल 112 नंबर की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई । अंततः बक्सर से आए जीआरपी एसआई अखिलेश यादव ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए उसे पोस्टमॉर्टम के लिए अपने साथ ले गए । अधिकारियों की इस रस्साकसी में जीआरपी व आरपीएफ डुमरांव के सिपाही लगभग 4 घंटे तक बियाबान में खड़े रहे । जीआरपी द्वारा शव को उठाने के दौरान नया भोजपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार, डुमरांव थाना के एसआई जितेंद्र कुमार सिंह, पीटीसी निरंजन कुमार सिंह सहित डुमरांव तथा नया भोजपुर थाने की पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद रही ।
रेल थानाध्यक्ष ने की घटना की पुष्टि, मामले को लेकर दर्ज हुआ यूडी केस
इस घटना की पुष्टि करते हुए रेल थानाध्यक्ष बिजेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर यूडी केस दर्ज कर लिया गया है । वहीं पोस्टमॉर्टम के बाद शव को सुरक्षित रखा गया है । इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शव के शिनाख्त के लिए रेल पुलिस का प्रयास लगातार जारी है, जिससे इस मामले में जरूरी अग्रतर कानूनी कार्रवाई किया जा सके ।