अरेबिया के आह्वान पर आज देश के 23 राज्यों में 43 ग्रामीण बैंकों के कर्मी रहे हड़ताल पर
राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना, निजीकरण का विरोध, पेंशन अपग्रेडेशन सहित अन्य है प्रमुख मांग

मांग नहीं मानने पर आंदोलन होगा तेज, आंदोलनकर्मी जा सकते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
आर्यावर्त न्यूज़ एक्सप्रेस/पटना/आरा/बक्सर/डुमरांव :- आज शुक्रवार को अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक संघ(अरेबिया) के आह्वान पर देश के 23 राज्यों में कार्यरत कुल 43 ग्रामीण बैंकों के कर्मी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे । हड़ताली कर्मियों की मुख्य मांगों में सभी ग्रामीण बैंकों को मिलाकर एक राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना करना, ग्रामीण बैंकों का निजीकरण नहीं करना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरुप पेंशन, प्रमोशन पॉलिसी तथा अन्य फैसिलिटी में दूसरे बैंकों से असमानता को दूर करना, दैनिक वेतनभोगी कर्मीयों की सेवा नियमित करना, व्यवसाय के अनुरूप कर्मियों की बहाली करना आदि शामिल है । अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण बैंक कर्मियों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर आज 23 सितम्बर को हुई हड़ताल के बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनका आंदोलन और भी तेज होगा । साथ ही वे अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं ।
हड़ताल में स्थानीय स्तर पर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के कर्मी रहे पूर्ण रूप से शामिल – एन एन ओझा
इसकी जानकारी देते हुए अखिल भारतीय संघ अरेबिया के संयुक्त सचिव एवं दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक ऑफिसर एसोसिएशन आरा के मुख्य सलाहकार एन एन ओझा ने कहा कि इस हड़ताल में स्थानीय दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के सभी कर्मी पूर्ण रूप से भाग लिए । जिसके तहत आरा में संयुक्त सचिव एन एन ओझा के नेतृत्व में सैकड़ों बैंक कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेकर हड़ताल को पूर्ण रूप से सफल बनाया । वहीं डुमरांव राजगढ़ परिसर स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के सामने हड़ताली बैंक कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के विरूद्ध नारे लगाए ।
डुमरांव में ग्रामीण बैंक कर्मियों ने किया बैंक के सामने विरोध-प्रदर्शन
विरोध-प्रदर्शन करने वाले बैंक कर्मियों में आलोक पाण्डेय, अशोक कुमार सिंह, अंजनी कुमार ओझा, शनि कुमार, मो. मुश्ताक, मदन प्रसाद, रितेश कुमार सिंह आदि मुख्य रूप से शामिल रहे । इसी तरह पटना, गया, समस्तीपुर सहित बिहार के अन्य स्थानों के साथ-साथ पूरे देश में ग्रामीण बैंक कर्मियों का हड़ताल पूरी तरह सफल रहा ।
नया भोजपुर सहित अन्य बैंकों के कर्मी भी रहे शामिल
स्थानीय स्तर पर इस हड़ताल में शामिल बैंक कर्मियों में नया भोजपुर शाखा प्रबंधक आलोक कुमार, सोनवर्षा प्रबंधक छोटू झा, कृष्णाब्रह्म प्रबंधक आई बी ओझा, रोहित कुमार, सर्वेंद्र कुमार, सुनंदा कुमारी सहित अन्य लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया ।
ग्रामीण बैंक कर्मियों की मांगे ग्रामीण जनता के हित में – संयुक्त सचिव व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
ग्रामीण बैंक कर्मियों की मांगों को ग्रामीण जनता के हित में बताते हुए अरेबिया के संयुक्त सचिव एन एन ओझा तथा एनएफआरआरबीएस बिहार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश्वर सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए 1975 में भारत सरकार द्वारा ग्रामीण बैंकों की स्थापना की गई । शुरू में देश में कुल 196 ग्रामीण बैंक थे । वहीं ग्रामीण बैंकों के सम्मेलन के बाद आज देश के 23 राज्यों में 43 ग्रामीण बैंक 22000 शाखा के साथडेश के 4.5 लाख गांवों में कार्यरत है । जबकि बैंक का कुल व्यवसाय करीब 9.24 लाख करोड़ रुपया है । इसके साथ ही ग्रामीण बैंक कर्मी अपने कार्यों की भलीभांति करते हुए 3200 करोड़ रुपए का लाभ भी अर्जित किए हैं ।
वर्तमान सरकार सरकारी उपक्रमों का कर रही निजीकरण, जनता का हो रहा अहित
वहीं उन्होंने बताया कि वर्तमान भारत सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण कर उसे प्राइवेट प्लेयर को देने का कार्य कर रही है । वहीं ग्रामीण बैंक में ग्रामीणों की जमापूंजी/सरकारी शेयर का भी निजीकरण करने तथा पूंजी को आईपीओ के माध्यम से बेचने का निर्णय सरकार ने लिया है । जिससे सभी ग्रामीणों की जमापूंजी के साथ बैंक कर्मियों का अहित होना लाजिमी है । जिसको रोकने के लिए हम सभी आंदोलनरत हैं ।