लापरवाही

बिजली विभाग की मेहरबानी से घंटो तक अंधेरे में डूबा रहा डुमरांव स्टेशन

यात्री परेशान, विभाग करता रहा ट्रेनों का इंतजार

स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज सहित स्टेशन परिसर में छाया रहा घोर अंधेरा

आर्यावर्त न्यूज़ एक्सप्रेस/बक्सर/डुमरांव :- बुधवार की शाम दानापुर मंडल का डुमरांव स्टेशन रेलवे के बिजली विभाग की मेहरबानी के कारण लगभग 2 घंटे से ज्यादा समय तक गहरे अंधेरे में डूबा रहा । रेल सूत्रों की माने तो बिजली में आई तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी मिलते ही स्टेशन मास्टर द्वारा कंट्रोल को इससे अवगत करा दिया गया था । वहीं इसकी सूचना बक्सर बिजली विभाग को भी दी गई थी । बावजूद विभाग की मेहरबानी से स्टेशन का दोनों प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज, स्टेशन का बाहरी परिसर पूरी तरह अंधेरे में डूबा रहा । जिसको लेकर यात्री काफी डरे-सहमे और परेशान दिखे । वहीं महिला यात्री अपनी सुरक्षा तथा अपने सामानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आई । जबकि प्लेटफॉर्म पर छाए घोर अंधेरे के बीच यात्री ट्रेन में सवार होने तथा ट्रेन से उतरने के लिए मशक्कत करते नजर आए ।

स्टेशन पर बिजली नहीं होने की सूचना पर पहुंचे रेल यात्री कल्याण समिति दानापुर मंडल के संयोजक सह रेल यात्री कल्याण समिति डुमरांव के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने इसकी जानकारी ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर से ली ।

बिजली नहीं होने की सूचना पर पहुंचे समिति अध्यक्ष, अधिकारियों से की शिकायत

जिसके बाद उन्होंने मोबाइल के माध्यम से इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से की तथा जल्द से जल्द स्टेशन पर बिजली मुहैया कराने की बात कही । साथ ही जीआरपी से सुरक्षा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील माने जाने वाले डुमरांव स्टेशन के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा । वहीं हमेशा की तरह काफी इंतजार के बाद विभागीय कर्मचारी पहले पैसेंजर ट्रेन से आने की बात बोलकर फिर 12334 डाउन विभूति एक्सप्रेस से डुमरांव पहुंचे । जिसके बाद तकनीकी खामी को ठीक कर स्टेशन पर बिजली की सुविधा बहाल की गई । जिससे घंटो से परेशान यात्रियों ने राहत की सांस ली । इस बारे में रेल यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यदि तकनीशियन डुमरांव में रहते तो ऐसी परेशानीयों का सामना नहीं करना पड़ता ।

तकनीशियनों की टीम नहीं रहने से होती है परेशानी, विषम परिस्थितियों का करना पड़ता है सामना

विदित हो कि बिजली विभाग सहित अधिकतर तकनीशियनों की टीम बक्सर में रहती है । जिसके चलते कोई फेल्योर या तकनीकी खामी होने पर उन्हें बक्सर से बुलाना पड़ता है । जिसके चलते कई बार स्टेशन तथा यात्रियों को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है । साथ ही पैनल को संचालित करने में भी परेशानी होती है ।

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